डिजिटल तकनीक ने बदल दी भारत की कर प्रणाली, रिफंड में 474% बढ़ोतरी; अब सिर्फ 17 दिन में मिल रहा पैसा - Tax



डिजिटल तकनीक ने भारत की कर प्रणाली को पूरी तरह बदल दिया है, जिससे कर वापसी (रिफंड) में 474 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पिछले दस वर्षों में भारत की कर प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है कर वापसी की रफ्तार कर संग्रह से करीब दोगुनी तेजी से बढ़ी है।

सूत्रों ने बताया कि 2013-14 से 2024-25 के बीच करदाताओं को रिफंड मिला है, उसमें 474 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। यह राशि 83,008 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,76,743 करोड़ रुपये हो गई है।

इसी अवधि में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 24 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो 7,21,604 करोड़ रुपये से बढ़कर 27,02,974 करोड़ रुपये हो गई है सबसे खास बात यह है कि कर वापसी की प्रक्रिया की गति में भी काफी सुधार हुआ है। 2013 में कर वापसी मिलने में औसतन 93 दिन लगते थे, जो 2024 में घटकर केवल 17 दिन रह गए हैं यह 81 फीसदी की कमी को दर्शाता है, जो डिजिटल आधुनिकीकरण की सफलता का प्रमाण है।   

इस बदलाव के पीछे कर प्रक्रियाओं का पूरी तरह से डिजिटल होना है ऑनलाइन फाइलिंग प्रणाली, बिना मुलाकात के असेसमेंट और स्वचालित कर वापसी की प्रक्रिया ने उन पुरानी अड़चनों को खत्म कर दिया है, जो पहले करदाताओं को सेवाओं में देरी का कारण बनती थीं। 

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,  प्री-फिल्ड रिटर्न, रियल-टाइम टीडीएस समायोजन और ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली जैसी डिजिटल तकनीक ने करदाताओं को सेवाएं देने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। 

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